भारत में राजनीतिक दलों की सूची
राष्ट्रीय दल
🏾 1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)
स्थापना: 28 दिसंबर 1885, बॉम्बे में ए ओ ह्यूम के नेतृत्व और 72 प्रतिनिधियों की बैठक द्वारा की गई थी ।
संस्थापक: ए ओ ह्यूम, दादाभाई नौरोजी, वोमेश चंद्र बनर्जी व दिनशॉ वाचा शामिल हैं, जिन्होंने संघर्षपूर्ण प्रारंभ में सभी प्रमुख योगदान दिया।
चुनाव चिन्ह: 1970-80 के दशक में “हाथ” चिन्ह को अपना लिया था, जिसे आम जनसेवा व लोगों तक पहुंच का प्रतीक माना जाता है।
उद्देश्य: भारत में लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने का आधार बना; स्वतंत्रता संग्राम के दौरान विभिन्न आंदोलनों का नेतृत्व किया।
पहचान: देश में सफलतापूर्वक केंद्र और कई राज्यों में लगातार सरकार चलाई; प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष नीतियों तथा मुखर वैश्विक कूटनीति की नींव रखी ।
वर्तमान स्थिति: अक्टूबर 2024 तक तेलंगाना, हिमाचल, कर्नाटक में सत्ता में, साथ ही अन्य राज्यों में गठबंधन सरकारों में भागीदार भी रही ।
स्थापना: 28 दिसंबर 1885, बॉम्बे में ए ओ ह्यूम के नेतृत्व और 72 प्रतिनिधियों की बैठक द्वारा की गई थी ।
संस्थापक: ए ओ ह्यूम, दादाभाई नौरोजी, वोमेश चंद्र बनर्जी व दिनशॉ वाचा शामिल हैं, जिन्होंने संघर्षपूर्ण प्रारंभ में सभी प्रमुख योगदान दिया।
चुनाव चिन्ह: 1970-80 के दशक में “हाथ” चिन्ह को अपना लिया था, जिसे आम जनसेवा व लोगों तक पहुंच का प्रतीक माना जाता है।
उद्देश्य: भारत में लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने का आधार बना; स्वतंत्रता संग्राम के दौरान विभिन्न आंदोलनों का नेतृत्व किया।
पहचान: देश में सफलतापूर्वक केंद्र और कई राज्यों में लगातार सरकार चलाई; प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष नीतियों तथा मुखर वैश्विक कूटनीति की नींव रखी ।
वर्तमान स्थिति: अक्टूबर 2024 तक तेलंगाना, हिमाचल, कर्नाटक में सत्ता में, साथ ही अन्य राज्यों में गठबंधन सरकारों में भागीदार भी रही ।
🌱 2. अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (AITC) |
स्थापना: 1998 में ममता बनर्जी द्वारा किया गया; ममता द्वारा भाजपा विरोधी नीतियों एवं वाम शासन के खिलाफ प्रतिक्रिया के रूप में शुरू किया गया पार्टी।
चुनाव चिन्ह: घास का फूल, जो आम जनता (grassroot levels) के साथ खुलापन दर्शाता है।
प्रमुख कार्यक्षेत्र: पश्चिम बंगाल में 2011 के बाद से लगातार तीन बार राज्य सरकार; राज्य राजनीति पर स्पष्ट और स्थिर पकड़।
उद्देश्य: जनता केंद्रित नीतियाँ, विशेषकर महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास व सामाजिक सुरक्षा क़े क्षेत्रों में सक्रिय।
केन्द्रीय दृष्टि: अब धीरे-धीरे राष्ट्रीय दृष्टि अपनाई जा रही है—विशेषकर तेलंगाना व दिल्ली में भी उपस्थिति दर्ज की।
भविष्य: पश्चिम बंगाल निरंतर प्रभावी बना हुआ है; आने वाले चुनावों में यह पार्टी NDA/UPA से अलग तीसरे मोर्चे की संभावनाओं को तलाश रही।
🐘 3. बहुजन समाज पार्टी (BSP)
🏵️ 4. भारतीय जनता पार्टी (BJP)
स्थापना: 1980 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी द्वारा भारत की जनसांस्कृतिक एवं हिन्दुत्ववादी विचारधारा पर आधारित पार्टी के रूप में की गई थी ।
मूल संगठन: पहले 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने श्री RSS के समर्थन से जनसंघ की स्थापना की थी, जो BJP की पूर्वज संगठन थी ।
चुनाव चिन्ह: कमल का फूल, जिसे स्वच्छता एवं विकास का प्रतीक माना जाता है।
विचारधारा: हिन्दुत्व आधारित, राष्ट्राधारित, केंद्र और राज्यों में आर्थिक विकास व सांस्कृतिक पुनर्निर्धारण की नीति अपनाती है।
उपलब्धियाँ: 2014 से लगातार केंद्र में नेतृत्व में है; 2024 लोकसभा चुनाव में 240 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी eci.gov.in।
संगठन: RSS से गहरे जुड़ाव के कारण Grassroot स्तर पर मजबूती, साथ ही भाजपा ने विभिन्न राज्यों में शक्तिशाली गठबंधन और क्षेत्रीय पहुंच दर्ज की।
⚒️ 5. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) |
स्थापना: 1925 में अब्बानी मुखर्जी, चारु मजूमदार व एम एन रॉय सहित अन्य नेताओं ने की; भारत की सबसे पुरानी कम्युनिस्ट पार्टी।
चुनाव चिन्ह: हंसिया व हथौड़ा, श्रमिकों और किसान वर्गों की संयुक्त पहचान।
योगदान: स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय, 1950-60 के दशक में वाम-प्रगतिशील नीतियों में अग्रणी भूमिका निभाई।
हाल की स्थति: 2019 की हार के पश्चात् वर्ष 2023 में राष्ट्रीय दर्जा खो दिया ।
वर्तमान भूमिका: वाम मोर्चे के घटक के रूप में कहीं सक्रिय, पर राष्ट्रीय राजधारा से दूर; क्षेत्रीय रूप से केरल-त्रिपुरा में सीमित असर।
पहचान: हिन्दुस्तान में कम्युनिस्ट विचारधारा की जन-स्तरीय पैठ बनाए रखते हुए संघर्षशील भूमिका निभा रही।
⚒️ 6. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) – CPI(M)
स्थापना: 1964 में ईएमएस नंबूदीरीपाद व ज्योति बसु ने इसे CPI से अलग कर मार्क्सवादी विचारधारा पर आधारित पार्टी के रूप में स्थापित किया।
चुनाव चिन्ह: बाली व हंसिया, मजदूर वर्ग की एकता एवं कुटीर उद्योगों का प्रतीक।
भूमिका: पश्चिम बंगाल, केरल तथा त्रिपुरा में लंबे समय तक वाम सरकारों का संचालन किया; साम्यवादी वाजपेयी की आर्थिक नीतियों की आलोचना।
गठबंधन: अक्सर वाम मोर्चे (Left Front) का प्रमुख हिस्सा रही; 2004 में UPA सरकार को समर्थन दिया पर सक्रिय रूप से हिस्सा नहीं बनी ।
हाल की स्थिति: 2019 में लोकसभा में मात्र दो सांसद ही जीत पाए; चुनाव आयोग ने 10 अप्रैल 2023 को राष्ट्रीय मान्यता हटा दी en.wikipedia.org।
सामरिक दृष्टि: लोकल लेवल पर विशेष रूप से श्रमिकों और निचले वर्गों में प्रभावी, लेकिन राष्ट्रीय स्तरीय जनाधार में कमी।
📘 7. राष्ट्रवादी पीपुल्स पार्टी (NPP)
स्थापना: 2012 में P.A. संगमा द्वारा (NCP से अलग होकर); अरुणाचल प्रदेश से मूल रूप से शुरुआत की गई।
चुनाव चिन्ह: किताब, जिसे शिक्षा और जागरूकता की दिशा में चिंतास्पद एजेंडा दर्शाता है।
नेतृत्व परिवर्तन: बाद में उनके बेटे Conrad Sangma ने नेतृत्व संभाला; उन्होंने पार्टी को राष्ट्रीय दर्जा दिलाया en.wikipedia.org।
पहचान: 7 जून 2019 को ईसीआई ने इसे India's-first North-East national party के रूप में मान्यता दी—इस क्षेत्र का पहला ऐसा अनुभव ।
गठबंधन: NDA से जुड़ा पंजाब-नागालैंड-मेघालय समेत कई राज्यों में; केंद्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में सफल।
नीति: ग्रामीण विकास, शिक्षा तथा पूर्वोत्तर की पहचान और संरचना को केंद्रीय मंच पर उपलब्ध कराने पर जोर।
⏰ 8. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP)
स्थापना: 1999 में शरद पवार, P.A. संगमा और तारिक अनवर द्वारा कांग्रेस से अलग होकर की गई थी।
चुनाव चिन्ह: घड़ी, समय की अहमियत, मूल्यपरक नीतियों की निरंतरता और अर्थव्यवस्था में क्षमता का प्रतीक।
क्षेत्रीय आधार: महाराष्ट्र में धाक; 1999-2014 तक केंद्र व राज्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई; 2019 के बाद धीरे कमजोर हुई।
गठबंधनों की रणनीति: महाराष्ट्र शासन में UPA तथा Maha Vikas Aghadi का हिस्सा; इंदिरा गांधी के बाद राज्य की धुरी बनी रही en.wikipedia.org।
संघीय दृष्टिकोण: छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी रणनीतिक भागीदारी की योजनाएं शुरू हुई हैं।
भविष्य की राह: बीजेपी के उभरते दबाव में फिर से केंद्रीय भूमिका तलाशना निश्चयात्मक लक्ष्य; नई पीढ़ी सीमा पार योजनाओं पर काम कर रही है।
भारत में आठ मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल हैं।
क्र सं | राष्ट्रीय दल का नाम | प्रतीक | स्थापना वर्ष | संस्थापक |
---|---|---|---|---|
क्र सं 1 | राष्ट्रीय दल का नामभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | प्रतीक हाथ | स्थापना वर्ष1885 | संस्थापकए ओ ह्यूम, दादाभाई नरोजी, वोमेश चंदर बनर्जी और दिनशॉ वाचा |
क्र सं 2 | राष्ट्रीय दल का नामभारतीय जनता पार्टी | प्रतीक कमल का फूल | स्थापना वर्ष1980 | संस्थापकश्यामा प्रसाद मुखर्जी, अटल बिहारी और लाल कृष्ण आडवानी |
क्र सं 3 | राष्ट्रीय दल का नामभारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) | प्रतीक बाली हंसिया | स्थापना वर्ष1964 | संस्थापकईएमएस नंबूदरीपाद और ज्योति बसु |
क्र सं 4 | राष्ट्रीय दल का नामभारतीय कम्युनिस्ट पार्टी | प्रतीक हंसिया हथोड़ा | स्थापना वर्ष1925 | संस्थापकअब्बानी मुखर्जी, चारू मजूमदार, एम एन रॉय |
क्र सं 5 | राष्ट्रीय दल का नामबहुजन समाज पार्टी | प्रतीक हाथी | स्थापना वर्ष1984 | संस्थापकश्री कांशी राम |
क्र सं 6 | राष्ट्रीय दल का नामअखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस | प्रतीक घास फूल | स्थापना वर्ष1998 | संस्थापकममता बनर्जी |
क्र सं 7 | राष्ट्रीय दल का नामराष्ट्रवादी पीपुल्स पार्टी | प्रतीक किताब | स्थापना वर्ष2013 | संस्थापकपी ए संगमा |
क्र सं 8 | राष्ट्रीय दल का नामराष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी | प्रतीक घड़ी | स्थापना वर्ष1999 | संस्थापकपी ए संगमा, शरद पवार और तारिक अनवर |
राज्य दल
यदि कोई पार्टी राज्य की पार्टी है तो उसको चार शर्तों में से कोई एक अवश्य ही पूरी करनी होगी।
1 एक दल ने विधान सभा में कुल सीटों की संख्या का कम से कम तीन प्रतिशत या कम से कम तीन सीटें जीती होंगी।
2 एक पार्टी को लोकसभा में हर 25 सीटों या राज्य को आवंटित किसी भी हिस्से के लिए कम से कम एक सीट जीतनी चाहिए।
3 एक पार्टी ने लोकसभा या राज्य विधानसभा के आम चुनाव के दौरान डाले गए कुल वैध मतों का कम से कम 6% हासिल किया है और इसके अलावा उस चुनाव में कम से कम लोकसभा सीट और दो विधानसभा सीटें जीती हैं।
4 एक पार्टी को उस राज्य में डाले गए कुल वैध मतों का कम से कम 8% प्राप्त होना चाहिए।
भारत में 52 (बावन) मान्यता प्राप्त राज्य पार्टियां हैं।
1 आर जे डी = राष्ट्रीय जनता दल
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