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नवंबर 21, 2025

सभी 10 सिख गुरुओं का विस्तृत जीवन परिचय और शिक्षाएं | Sikh Gurus in Hindi


प्रस्तावना

सिख धर्म एक एकेश्वरवादी धर्म है। जिसकी स्थापना 15वीं शताब्दी में गुरु नानक देव जी द्वारा की गई थी। इस धर्म की नींव समानता, सेवा, न्याय और ईश्वर के प्रति प्रेम पर आधारित है। सिख धर्म के दस गुरुओं ने समाज को आध्यात्मिक,नैतिक सामाजिक और दिशा प्रदान की। इस ब्लॉग में हम सभी दस गुरुओं का विस्तृत परिचय देंगे। और मानव कल्याण के लिए उनके द्वारा किए गए सभी कार्य को याद करेंगे।

https://www.gk2job.com/2025/04/sikh-dharm-ke-das-guru-jeevan-parichay.html
सिख गुरुओं का जीवन परिचय और शिक्षाए

1. गुरु नानक देव जी (1469 - 1539)

  1. गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में तलवंडी (अब ननकाना साहिब, पाकिस्तान) में हुआ।

  2. उनका जन्म हिंदू परिवार में हुआ, परंतु बचपन से ही वे अध्यात्म की ओर झुके हुए थे।

  3. उन्होंने बचपन में ही गहरी धार्मिक जिज्ञासा और आध्यात्मिक चिंतन की प्रवृत्ति दिखाई।

  4. उन्होंने यात्रा करके अनेक धर्म स्थलों का भ्रमण किया जिसे 'उदासियाँ' कहा गया।

  5. उन्होंने 'एक ओंकार' का संदेश दिया कि ईश्वर एक है।

  6. जात-पात, अंधविश्वास और ढकोसलों का विरोध किया।

  7. गुरु जी ने सेवा, सच्चाई और प्रेम को धर्म का आधार बताया।

  8. उन्होंने हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों की अच्छाइयों को स्वीकारा और कट्टरता का विरोध किया।

  9. वे मानवता के लिए एकता, भाईचारे और समानता का सजीव प्रतीक थे।

  10. उन्होंने करतारपुर में संगत और लंगर की परंपरा की शुरुआत की।


2. गुरु अंगद देव जी (1504 - 1552)

  1. गुरु अंगद देव जी का जन्म 1504 में मत्ते दी सराय में हुआ।

  2. उनका असली नाम 'लहणा' था।

  3. वे गुरु नानक देव जी के शिष्य बने और उनकी सेवा में लगे रहे।

  4. गुरु नानक जी ने उन्हें अपनी गद्दी सौंपी और 'अंगद' नाम दिया।

  5. उन्होंने गुरुमुखी लिपि को मान्यता दी और उसे प्रचारित किया।

  6. सिख धर्म को मजबूत आधार प्रदान किया।

  7. उन्होंने शारीरिक व्यायाम, कुश्ती आदि को प्रोत्साहित किया।

  8. उन्होंने बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया।

  9. वे अत्यंत विनम्र, अनुशासित और त्यागी संत थे।

  10. उनके कार्यकाल में सिख समुदाय और अधिक संगठित हुआ।


3. गुरु अमर दास जी (1479 - 1574)

  1. गुरु अमर दास जी का जन्म 1479 में बसारके गांव में हुआ।

  2. वे पहले हिंदू संन्यासी जीवन जी रहे थे।

  3. उन्होंने 60 वर्ष की उम्र में गुरु अंगद देव जी से दीक्षा ली।

  4. उन्होंने लंगर प्रथा को सख्ती से लागू किया - पहले लंगर फिर दर्शन।

  5. नारी सशक्तिकरण के समर्थक थे, सती प्रथा के विरोधी।

  6. उन्होंने 22 मंझियाँ स्थापित कर धर्म प्रचार किया।

  7. उन्होंने सिख रीति-रिवाजों का विकास किया।

  8. साधारण जीवन और सेवा भावना के प्रतीक थे।

  9. तीर्थ यात्राओं में भेदभाव का विरोध किया।

  10. गुरु जी ने धर्म को सामाजिक सेवा से जोड़ा।


4. गुरु राम दास जी (1534 - 1581)

  1. गुरु राम दास जी का जन्म 1534 में लाहौर में हुआ।

  2. वे गुरु अमर दास जी के दामाद और शिष्य थे।

  3. उन्होंने अमृतसर शहर की स्थापना की।

  4. उन्होंने 'सरोवर' की खुदाई करवाई जिसे बाद में 'स्वर्ण मंदिर' कहा गया।

  5. वे अत्यंत विनम्र, परिश्रमी और सेवाभावी थे।

  6. उन्होंने 'आनंद कारज' विवाह पद्धति का प्रचार किया।

  7. भक्ति संगीत को बढ़ावा दिया।

  8. उन्होंने व्यापारी वर्ग को धर्म से जोड़ा।

  9. उनकी वाणी गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल है।

  10. उनके समय में सिख धर्म का सामाजिक प्रभाव बढ़ा।


5. गुरु अर्जन देव जी (1563 - 1606)

  1. गुरु अर्जन देव जी गुरु राम दास जी के पुत्र थे।

  2. वे पाँचवें गुरु के रूप में नियुक्त हुए।

  3. उन्होंने 'श्री हरमंदिर साहिब' का निर्माण पूर्ण कराया।

  4. गुरु ग्रंथ साहिब (आदि ग्रंथ) का संकलन किया।

  5. उसमें संत कबीर, नामदेव जैसे भक्तों की वाणी भी सम्मिलित की।

  6. उन्होंने शांतिपूर्ण धर्म का पालन किया।

  7. मुग़ल शासक जहाँगीर के अत्याचारों का विरोध किया।

  8. उन्हें लाहौर में गर्म तवे पर बैठा कर शहीद किया गया।

  9. वे पहले सिख शहीद माने जाते हैं।

  10. उनके बलिदान ने सिखों में न्याय और साहस की भावना को जन्म दिया।


6. गुरु हरगोबिंद जी (1595 - 1644)

  1. गुरु हरगोबिंद जी गुरु अर्जन देव जी के पुत्र थे।

  2. उन्होंने 'मीरी और पीरी' की दो तलवारें धारण की।

  3. सिखों को आत्मरक्षा और शौर्य का पाठ पढ़ाया।

  4. उन्होंने अकाल तख्त की स्थापना की।

  5. सैनिक संगठन का निर्माण किया।

  6. उन्होंने शिकार और घुड़सवारी जैसे युद्ध कौशल सिखाए।

  7. उन्होंने कई युद्धों में मुगलों को हराया।

  8. धार्मिकता के साथ-साथ राजनैतिक नेतृत्व भी किया।

  9. उन्होंने बंदी छोड़ दिवस की परंपरा शुरू की।

  10. उनके कार्यकाल से सिख धर्म एक सैन्य शक्ति के रूप में उभरा।


7. गुरु हर राय जी (1630 - 1661)

  1. गुरु हर राय जी गुरु हरगोबिंद जी के पौत्र थे।

  2. वे अत्यंत शांतिप्रिय और कोमल स्वभाव के थे।

  3. उन्होंने पौधों, जानवरों और प्रकृति से प्रेम किया।

  4. हर्बल औषधालय और चिकित्सा केंद्रों की स्थापना की।

  5. उन्होंने गुरु घर की प्रतिष्ठा को बनाए रखा।

  6. शारीरिक युद्ध में न पड़कर आध्यात्मिक युद्ध को प्राथमिकता दी।

  7. मुगल शासक के समय उन्होंने भाई कन्हैया की तरह सेवा भावना दिखाई।

  8. आयुर्वेद और औषधीय विज्ञान के ज्ञाता थे।

  9. समाज में सेवा और करुणा का संदेश फैलाया।

  10. उन्होंने सिखों में सहनशीलता और संयम का गुण भर दिया।


8. गुरु हरकृष्ण जी (1656 - 1664)

  1. गुरु हरकृष्ण जी सबसे कम आयु में गुरु बनने वाले गुरु थे।

  2. वे गुरु हर राय जी के पुत्र थे।

  3. केवल 5 वर्ष की उम्र में गुरु गद्दी पर बैठे।

  4. उन्हें 'बाल गुरु' कहा जाता है।

  5. दिल्ली में चेचक की महामारी के समय उन्होंने सेवा की।

  6. उन्होंने रोगियों को पानी पिलाया और दवाई बाँटी।

  7. बाल्यावस्था में भी उनमें सेवा और त्याग की भावना थी।

  8. राजमहल में उन्होंने बीमारी से ग्रस्त लोगों की सेवा की।

  9. अंततः वे स्वयं चेचक से ग्रसित हुए और दिवंगत हो गए।

  10. उनका निधन 1664 में हुआ पर उनका जीवन अमर हो गया।


9. गुरु तेग बहादुर जी (1621 - 1675)

  1. गुरु तेग बहादुर जी गुरु हर गोबिंद जी के पुत्र थे।

  2. वे अत्यंत ज्ञानी, निर्भीक और सहनशील थे।

  3. उन्होंने कश्मीरी पंडितों के अधिकारों की रक्षा की।

  4. जबरन धर्म परिवर्तन का विरोध किया।

  5. मुग़ल शासक औरंगज़ेब के सामने डटकर खड़े रहे।

  6. उन्हें दिल्ली के चांदनी चौक में शहीद किया गया।

  7. वे 'हिंद की चादर' के नाम से प्रसिद्ध हुए।

  8. उनका बलिदान धार्मिक स्वतंत्रता का प्रतीक बन गया।

  9. उन्होंने मानवता, करुणा और धर्म की रक्षा के लिए जीवन दिया।

  10. उनका बलिदान आज भी प्रेरणा स्रोत है।


10. गुरु गोबिंद सिंह जी (1666 - 1708)

  1. गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म 1666 में पटना साहिब में हुआ।

  2. वे गुरु तेग बहादुर जी के पुत्र थे।

  3. उन्होंने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की।

  4. पाँच प्यारे बनाकर सिखों को साहस और समानता का पाठ पढ़ाया।

  5. उन्होंने चारों पुत्रों को धर्म की राह में बलिदान किया।

  6. उन्होंने दशम ग्रंथ की रचना की।

  7. उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को सिखों का अंतिम गुरु घोषित किया।

  8. तलवार, कलम और धर्म का संतुलन उनके जीवन का आदर्श रहा।

  9. उन्होंने अन्याय के विरुद्ध युद्ध किए और सत्य के लिए लड़े।

  10. उनका जीवन वीरता, सेवा और समर्पण का प्रतीक है।


गुरु ग्रंथ साहिब — अंतिम और शाश्वत गुरु

गुरु गोबिंद सिंह जी ने यह घोषणा की कि अब से कोई मानव गुरु नहीं होगा। गुरु ग्रंथ साहिब को ही शाश्वत गुरु के रूप में मान्यता दी गई। इसमें सभी गुरुओं के उपदेश, भक्ति कवियों की वाणी और आध्यात्मिक मार्गदर्शन है।


अनुक्रमणिका

क्र.सं.गुरु का नामजीवनकालमहत्वपूर्ण योगदान
1गुरु नानक देव जी1469-1539सिख धर्म की स्थापना, "एक ओंकार" का उपदेश
2गुरु अंगद देव जी1504-1552गुरुमुखी लिपि का विकास
3गुरु अमर दास जी1479-1574लंगर प्रथा को संस्थागत रूप दिया
4गुरु राम दास जी1534-1581अमृतसर नगर की स्थापना
5गुरु अर्जन देव जी1563-1606गुरु ग्रंथ साहिब का संकलन, शहादत
6गुरु हरगोबिंद जी1595-1644सैनिक परंपरा की शुरुआत
7गुरु हर राय जी1630-1661पर्यावरण प्रेमी, आयुर्वेद चिकित्सा में योगदान
8गुरु हरकृष्ण जी1656-1664चेचक पीड़ितों की सेवा
9गुरु तेग बहादुर जी1621-1675धार्मिक स्वतंत्रता हेतु बलिदान
10गुरु गोबिंद सिंह जी1666-1708खालसा पंथ की स्थापना, गुरु ग्रंथ साहिब को अंतिम गुरु घोषित किया

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प्रश्न: सिख धर्म के दस गुरुओं के नाम और उनके योगदान क्या हैं?

उत्तर:
सिख धर्म के दस गुरुओं ने मानवता को सेवा, समानता, धार्मिक स्वतंत्रता और ईश्वर भक्ति का मार्ग दिखाया।

  1. गुरु नानक देव जी – सिख धर्म की स्थापना, "एक ओंकार" का संदेश।

  2. गुरु अंगद देव जी – गुरुमुखी लिपि का विकास।

  3. गुरु अमर दास जी – लंगर प्रथा को संगठित किया।

  4. गुरु राम दास जी – अमृतसर नगर की स्थापना।

  5. गुरु अर्जन देव जी – गुरु ग्रंथ साहिब का संकलन।

  6. गुरु हरगोबिंद जी – मीरी-पीरी की परंपरा।

  7. गुरु हर राय जी – प्रकृति प्रेम और आयुर्वेद चिकित्सा।

  8. गुरु हरकृष्ण जी – चेचक पीड़ितों की सेवा, सबसे कम उम्र के गुरु।

  9. गुरु तेग बहादुर जी – धार्मिक स्वतंत्रता के लिए बलिदान।

  10. गुरु गोबिंद सिंह जी – खालसा पंथ की स्थापना, गुरु ग्रंथ साहिब को अंतिम गुरु घोषित किया।

निष्कर्ष

सिख धर्म के दसों गुरुओं ने समाज को धर्म, न्याय, सेवा और समानता का मार्ग दिखाया। उनका जीवन मानवता के लिए प्रेरणा है। आज भी उनके उपदेश और जीवन मूल्य न केवल सिखों बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए मार्गदर्शक हैं।

नवंबर 13, 2025

महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सीमारेखाएँ: इतिहास, तथ्य और परीक्षाओं के लिए उपयोगी प्रश्न

अन्तरराष्ट्रीय रेखाओं से  सम्बंधित  प्रश्न , जनरल नॉलेज क्वेश्चन , जीके क्वेश्चन आंसर , G K questions and answers in Hindi 2025,    GK Questions in Hindi   सभी तरह के प्रतियोगी परीक्षाओं  के  लिए  जैसेकि JOA, TGT TET, JBT TET, TGT commission, UPSC , SSC, Nursing,  IBPS Clerk, IBPS PO, RBI, TET, SSC CGL, NTPC, SSC CHSL, ALLIED SERVICES, SUB INSPECTOR EXAMS, Railway, पटवार , सेना भर्ती, पुलिस भर्ती इत्यादि के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न यहां पर डिस्कस  किए    गए हैं। तो इस तरह आप इस पोस्ट के सारे प्रश्न पढ़ के हिमाचल प्रदेश  और अन्य परीक्षाओं   के बारे में वो सब जान सकते हैं जो प्रतियोगी परीक्षा में पूछा जाता है। 

महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सीमारेखाएँ: इतिहास, तथ्य और परीक्षाओं के लिए उपयोगी प्रश्न

प्रस्तावना

अंतरराष्ट्रीय सीमाएं दो देशों के बीच भू-राजनीतिक विभाजन को दर्शाती हैं। इन सीमाओं को निर्धारित करने के लिए कुछ विशेष रेखाएँ बनाई गई हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखाएँ कहा जाता है। ये रेखाएँ न केवल भौगोलिक विभाजन दर्शाती हैं, बल्कि ऐतिहासिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं। इस ब्लॉग में हम महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सीमारेखाओं और उनसे संबंधित प्रश्नों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखाएँ

नीचे कुछ महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सीमारेखाओं की जानकारी दी गई है:

सीमारेखा सम्बंधित देश विवरण
रेडक्लिफ रेखा भारत-पाकिस्तान 1947 में भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दौरान सर सिरिल रेडक्लिफ द्वारा निर्धारित की गई।
डुरंड रेखा पाकिस्तान-अफगानिस्तान 1893 में ब्रिटिश राज और अफगानिस्तान के बीच स्थापित हुई, लेकिन अफगानिस्तान इसे स्वीकार नहीं करता।
मैकमोहन रेखा भारत-चीन 1914 में ब्रिटिश भारत और तिब्बत के बीच शिमला समझौते के तहत खींची गई, जिसे चीन स्वीकार नहीं करता।
49वीं समानांतर रेखा अमेरिका-कनाडा यह अमेरिका और कनाडा के बीच सीमा निर्धारित करती है।
मैगिनॉट रेखा फ्रांस-जर्मनी  यह फ्रांस द्वारा जर्मनी के आक्रमण से बचने के लिए बनाई गई एक किलेबंदी थी।
सीगफ्राइड रेखा जर्मनी-फ्रांस द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी द्वारा फ्रांस की सीमा पर बनाई गई।
ओडर-नीसे रेखा जर्मनी-पोलैंड द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी द्वारा फ्रांस की सीमा पर बनाई गई।
ग्रीन लाइन इजराइल-फिलिस्तीन 1949 के युद्ध के बाद इजराइल और उसके पड़ोसी देशों के बीच अस्थायी सीमा तय करने के लिए बनाई गई।
38वीं समानांतर रेखा उत्तर कोरिया-दक्षिण कोरिया 1953 में कोरियाई युद्ध के बाद उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच सीमा निर्धारित करने के लिए बनाई गई।

सीमाओं का भौगोलिक और राजनीतिक महत्व

  1. सांस्कृतिक प्रभाव: कई सीमारेखाएँ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए, भारत और पाकिस्तान के विभाजन के दौरान लाखों लोगों का विस्थापन हुआ।

  2. राजनीतिक तनाव: सीमा विवाद कई देशों के बीच संघर्ष का कारण बनते हैं, जैसे भारत-चीन का सीमा विवाद।

  3. आर्थिक प्रभाव: कुछ सीमाएँ व्यापार और आवाजाही को प्रभावित करती हैं।

  4. सुरक्षा कारण: देशों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीमाओं पर कड़े प्रबंध किए जाते हैं।

निष्कर्ष

अंतरराष्ट्रीय सीमारेखाएँ केवल भौगोलिक विभाजन ही नहीं होतीं, बल्कि वे ऐतिहासिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण होती हैं। कई सीमाएँ युद्धों और संधियों के परिणामस्वरूप बनी हैं, और कुछ आज भी विवादों का विषय बनी हुई हैं। सीमाओं की जानकारी रखना न केवल प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैश्विक राजनीति को समझने के लिए भी आवश्यक है।



अन्तरराष्ट्रीय रेखाओं से  सम्बंधित  प्रश्न : - 



 (1)  "मेनरहीम"  रेखा किन दो देशों के बीच में स्थित है?

1)  फिनलैंड और रूस  

2) स्वीडन और फिनलैंड   

3) स्वीडन और नॉर्वे

4) भारत और बांग्लादेश

...... इस प्रश्न का उत्तर है [1]->     फिनलैंड और रूस   


(2) भारत और चीन को अलग करने वाली सीमा रेखा क्या कहलाती है?

1) डूरण्ड रेखा

2) रेडक्लिफ रेखा

3) मैकमोहन रेखा

4)  इनमें से कोई नहीं

...... इस प्रश्न का उत्तर है [3]-->>  मैकमोहन रेखा 


(3)  "हिंडन वर्ग  रेखा" किन देशों के बीच  में स्थित है?

1)  जर्मनी और बेलारूस

2) जर्मनी और फ्रांस

3) जर्मनी और पोलैंड  

4)  पोलैंड और यूक्रेन

...... इस प्रश्न का उत्तर है [3]-->>   जर्मनी और पोलैंड 


(4)  भारत और चीन के बीच की रेखा "मैकमोहन रेखा"  को कब निर्धारित किया गया था?

1) 1947, श्रीनगर में

2) 1914, दिल्ली में

3)  1914,शिमला में

4)   1962,चंडीगढ़ में

...... इस प्रश्न का उत्तर है [3]->    1914,शिमला में 


(5)  पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच कौन सी अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा है?

1) हिंडनवर्ग रेखा 

2)  डूरण्ड रेखा  

3) रेडक्लिफ  रेखा

4) इनमें से कोई नहीं

...... इस प्रश्न का उत्तर है [2]-> डूरण्ड रेखा     


(6) भारत और पाकिस्तान  को कौन सी अंतरराष्ट्रीय रेखा विभाजित करती है?

1) डूरण्ड रेखा 

2) मैकमोहन रेखा  

3) रेडक्लिफ रेखा

4)  38बी समानांतर रेखा

...... इस प्रश्न का उत्तर है [3]->  रेडक्लिफ रेखा  


(7) ) जर्मनी और फ्रांस के बीच में कौन सी अंतरराष्ट्रीय रेखा निर्धारित है?

1)  38बी समानांतर रेखा

2)  जर्मनी-फ्रांस रेखा

3) मैगनीट रेखा

4) 49बी समानान्तर रेखा

...... इस प्रश्न का उत्तर है [3]->  मैगनीट रेखा 


(8)   49बी समानान्तर रेखा किन देशों के बीच में है?

1)  सयुक्त राज्य अमेरिका और मैक्सिको

2)  अर्जेंटीना और चिल्ली

3)  संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा

4) चीन और वियतनाम

...... इस प्रश्न का उत्तर है [3]-> संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा 


(9) उत्तरी कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच में कौन सी अंतरराष्ट्रीय रेखा है?

(1)  38बी समानान्तर रेखा

(2) 49बी समानान्तर रेखा

(3)   24बी समानान्तर रेखा

(4) 17बी समानान्तर रेखा

...... इस प्रश्न का उत्तर है [1]-> 38बी समानान्तर रेखा 


(10)   उत्तरी और दक्षिणी वियतनाम के बीच कौन सी अंतरराष्ट्रीय रेखा है?

1)  38बी समानान्तर रेखा

2) 49बी समानान्तर रेखा

3)   24बी समानान्तर रेखा

(4) 17बी समानान्तर रेखा

...... इस प्रश्न का उत्तर है [3]-> 17बी समानान्तर रेखा 


महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सीमारेखाओं से संबंधित प्रश्न

1. रेडक्लिफ रेखा किसके बीच स्थित है?

उत्तर: रेडक्लिफ रेखा भारत और पाकिस्तान के बीच स्थित है।

2. डुरंड रेखा किन दो देशों के बीच सीमा बनाती है?

उत्तर: डुरंड रेखा पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा बनाती है।

3. मैकमोहन रेखा का विवाद किससे जुड़ा है?

उत्तर: मैकमोहन रेखा भारत और चीन के बीच विवाद का कारण है।

4. 49वीं समानांतर रेखा किन दो देशों को विभाजित करती है?

उत्तर: यह अमेरिका और कनाडा के बीच सीमा रेखा निर्धारित करती है।

5. ग्रीन लाइन किन देशों से संबंधित है?

उत्तर: ग्रीन लाइन इजराइल और फिलिस्तीन से संबंधित है।

महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सीमारेखाओं से संबंधित है।प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे कि JOA, TGT TET, JBT TET, TGT commission, Nursing, SSC, IBPS Clerk, IBPS PO, RBI, TET, पटवार , सेना भर्ती, पुलिस भर्ती इत्यादि के लिए  Gk questions and answers in hindi  , जनरल नॉलेज क्वेश्चन , जीके क्वेश्चन आंसर ,g.k questions and answers in hindi 2025,    GK Questions in Hindi  प्रश्नों  को शामिल किया गया था|आप इस पोस्ट  के बारे  में  अपनी बहुमूल्य राय  कमेंट बॉक्स  में जरूर दें. 


अक्टूबर 31, 2025

अकबर के नवरत्न: नाम, योगदान व इतिहास – विस्तृत हिंदी जानकारी अकबर के नवरत्न: नाम, योगदान व इतिहास – विस्तृत हिंदी जानकारी

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